हिन्द के लाल,सपूतों ने
अपना परचम फैलाया है,
भारत की पावन भूमि को
खून से अपने सींचा है,
आशुतोष शेर का शौर्य देख
आँखों से आँसु बहते है
देख शहादत अनुज सूद की
सबका दिल तड़फता है
राजेश,दिनेश के बलिदान पर
खून के आँसु बह गए
देख शहादत सैनिक शकील की
नैनो के बादल बरस गए
जाबांजों की माताओं ने
ऐसे शेरों को जन्म दिया
देश के अभिमान के खातिर
जीवन न्योछावर कर दिया
कश्मीर हिन्द का मस्तक है
आतंकियों को मार भगाना है
अब बांध सब्र का टूट गया
यह बात हमे समझाना है
भार्या शहीद की जोश से बोली
ना आँखों मे आँसु लाऊंगी
देश की सेवा करने वाले का
अभिमान कभी ना तोड़ूंगी
शहिदों की सौगंध हमे
अब खामोश नही हम बैठेंगे,
चाहे कुछ भी हो जाये
अब नही किसी को छोड़ेंगे,
बेटे की पथराई देह देख
माँ बाप की आँखे भर आईं
गोदी में लेकर सिर बेटे का
बचपन वाली लोरी गाई
तिरंगे में लिपटी देह देखकर
शहीद की बेटी लिपट गई,
उठा के घूंघट सैनिक की पत्नी
ढाढस बिटिया को बंधा रही,
ऐ हिन्द देश के वीर सपूतों
हम कभी भूल न पाएंगे
श्रद्धा से नतमस्तक होकर
चरणों मे शीश नवाएँगे
No comments:
Post a Comment